विचार पक्षछत्तीसगढ़

नगर के शिवालयों में महाशिवरात्रि की महाधूम

सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन आयुर्वेद के सभी ज्योतिर्लिंगों के साथ शिवालयों में महोत्सव का आयोजन होगा। इसी क्रम में नगर के सरकंडा सुभाष चौक स्थित श्री पीताम्बरा पृष्ण त्रिदेव मंदिर में स्थापित 108 किलो वजनी श्री पारद लिंग का महारुद्र अभिषेक एवं महोत्सव महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। नगर में स्थापित इस 108 किलों के पवित्र पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी विचार पूर्ण हो जाते हैं। पारद शिवलिंग के दर्शन, अभिषेक और पूजन से सभी जनों की सिद्धि होती है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार 8 मार्च और शनिवार 9 मार्च को विशेष आयोजन होगा। श्री पारद लिंग महारुद्राभिषेक एवं महाशिवरात्रि महोत्सव में कई विशिष्ट जन, संत महात्मा अभिषेक करेंगे। आज 8 मार्च शुक्रवार फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी की तिथि प्रातः 6:00 बजे से महारुद्राभिषेक स्थापना होगी। इसके बाद की रात्रि में चारों ओर से पैगम्बर अभिषेक और वंदन किया जाएगा। वहीं 9 मार्च शनिवार को सुबह 9:00 बजे भोज एवं भंडारा का आयोजन किया जाएगा। त्रिदेव मंदिर के पुजारी आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि पारद शिवलिंग की महिमा निराली होती है। धर्मशास्त्रों के पारद लेखन में साक्षात भगवान शिव का रूप बताया गया है, विधि विधान से पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होते हैं। साथ ही शिव भक्तों के सभी मन की भी उपज होती है। यही कारण है कि इसे ‘कामना लिंग’ भी कहा जाता है।आचार्य आचार्य दिनेश महाराज ने बताया है कि एक करोड़ शिवलिंग के दर्शन से जो फल प्राप्त होता है, वही फल पारद के दर्शन से प्राप्त होता है। पारद स्वयं सिद्ध धातु से निर्मित लिपि में किसी भी प्रकार का दोष नहीं होता है। वहीं पारद लिपि की पूजा से विभिन्न प्रकार के ग्रह दोष और सभी कष्टों का निवारण होता है। सभी प्रकार के तंत्र-मंत्र स्वतः समाप्त हो जाते हैं। आसपास मौजूद बुरी शक्तियों का नाश होता है। उन्होंने बताया कि पारद लिंग की पूजा करने वाले साधक की रक्षा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं। प्रतिदिन पारद लिंग के दर्शन करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पारद लिंग की पूजा करने वाले को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है तो साथ भी मिलता है। इनके साथ लक्ष्मी, सुख, शांति, ऐश्वर्य, अर्थ, धर्म काम, मोक्ष एवं विद्या की भी प्राप्ति होती है। त्रिदेव मंदिर में होने वाले आयोजन को लेकर तैयारी की गई है, वहीं आगामी चैत्र वसंत उत्सव 9 अप्रैल 2024 से लेकर 17 अप्रैल 2024 तक की भी तैयारी की गई है। इस अवसर पर यहां पारंपरिक रूप से मन अखंड घृत ज्योति कलश का स्मरण किया जाएगा।

भरनी स्थित शिव मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

इधर भरनी के विख्यात कालेश्वर महादेव करिया मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस अवसर पर हजारों शिव भक्त अपनी मनोरथ पूर्ति के लिए दूर-दूर से शिवालय पहुंचेंगे ,एवं दूध दही गंगाजल से अभिषेक कर अपना जीवन कृतार्थ करेंगे। भक्तों के लिए इस दिन महादेव के सेवकों द्वारा प्रसाद भंडारा भांग की भी व्यवस्था रखी गई है। शिवरात्रि पर मंदिर का रंग रोगन कर आकर्षक लाइटिंग एवं फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया है। व्यवस्था बनाने में पंडित उत्तम अवस्थी भुनेश दुबे (पांडा महाराज )रामचंद्र पाठक इस भव्य आयोजन में क्षेत्रीय विधायक धर्मजीत सिंह पूर्व विधायक राजू सिंह क्षत्रिय शैलेश पांडे राज्य महिला आयोग के पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडे जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान भाजपा जिला महामंत्री घनश्याम कौशिक लोकसभा भाजपा प्रत्याशी तोखन साहु शामिल होंगे। कार्य क्रम को सफल बनाने हेतु अजय यादव अरुणाभ अवस्थी किरण वस्त्रकर विजय अवस्थी इंद्रपाल यादव रघुवीर यादव लालू कौशिक गुड्डू कौशिक सहित शिवसेवक जुटे हुए हैं! इधर शहर के अनेक शिवालयों में जिनमें मध्य नगरी चौक स्थित पंचमुखी शिव मंदिर, गोल बाजार स्थित हरदेव लाला मंदिर, कतियापारा स्थित डोंगा घाट शिव मंदिर, सरकंडा स्थित शिव मंदिर, तोरवा स्थित शिव मंदिर, गोडपारा स्थित शिव मंदिर, पुत्री शाला स्थित शिव मंदिर सहित अनेक शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि पर्व मनाने की जोर-जोर से तैयारी शुरू हो चुकी है। और आज इन मंदिरों में विशेष अनुष्ठान के साथ भव्य समारोह मनाया जा रहा है।

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