कमल महंत/कोरबा/पाली:- विकासखण्ड पाली में वर्षों से जमे खाद्य निरीक्षक सुरेंद्र कुमार लांझी पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष ने लगाया है और जिला खाद्य अधिकारी को लिखित शिकायत पत्र सौंपकर मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है। जिस शिकायत ने विभाग में खलबली मचा दी है।
लोजपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार दुबे द्वारा बीते 19 जुलाई को दिये अपने शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि जिले के पाली ब्लॉक के खाद्य निरीक्षक सुरेंद्र कुमार लांझी के कारण लगभग आधे से अधिक पीडीएस दुकानों में खाद्यान्न की कमी बनी हुई है। यह वही खाद्यान्न है, जो कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया हैं। विगत कई साल से समय- समय पर भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है, उसके बावजूद हर बार पाली ब्लॉक के लगभग आधी पीडीएस दुकान में खाद्यान्न माइनस में चल रहा है। वास्तविक आंकड़ा जो ई- पास मशीन में दर्ज है वह दुकानों में भौतिक सत्यापन के समय नहीं मिल रहा हैं और कहीं ना कहीं खाद्य निरीक्षक इन्हीं का फायदा उठाते हुए दुकानदारों को डराते धमकाते हुए एफआईआर करा जेल भेजने की धमकी दिया जा रहा और जिसके आड़ में घूसखोरी की जा रही है। पाली ब्लॉक के पीडीएस का हाल बद से बदतर हो चुका है। ज्यादातर दुकानें महिला समूह के द्वारा संचालित की जा रही हैं, जिसकी महिलाएं अनपढ़ व कम पढ़ी- लिखी हैं। जिनका फायदा उठाते हुए खाद्य निरीक्षक सालों साल से भ्रष्टाचार करते हुए महिला समूह से घूसखोरी करते हुए मोटी रकम वसूलता आ रहा है। पाली ब्लॉक के पीडीएस संचालकों में कहीं ना कहीं भय का माहौल निर्मित हो गया है और यह भय का माहौल खाद्य निरीक्षक के कारण निर्मित हुआ है। कई पीडीएस दुकान संचालकों के बताएं अनुसार प्रत्येक दुकान से उक्त खाद्य निरीक्षक द्वारा प्रतिमाह 1 हजार रुपए घूस लेते आ रहा है तथा महीने में जो बैठक मीटिंग खाद्य निरीक्षक के द्वारा रखा जाता है, उस मीटिंग का नाम ही पीडीएस संचालकों ने वसूली मीटिंग/ बैठक रख दिया है। पाली ब्लॉक के आधे से अधिक पीडीएस दुकानों में मूल आवंटन से भी कम खाद्यान्न भेजा जा रहा है व दुकानों में भी भौतिक रूप से शेष स्कंध नहीं है, तो आखिर सभी हितग्राहियों को उनके पात्रता अनुसार राशन कैसे उपलब्ध हो सकेगा? इस पर कोई भी अधिकारी व कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। शिकायतें बढ़ती जा रही हैं और स्थिति विस्फोटक रूप ले ली है। समूह की महिला खाद्य निरीक्षक पाली से काफी भयभीत व त्रस्त हो गई हैं। यदि समय रहते पीडीएस के स्थिति को सुधारते हुए उक्त खाद्य निरीक्षक पर जांच उपरांत एफआईआर नहीं किया गया और दुकानों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न नहीं दिया गया, तो किसी भी कीमत में सभी हितग्राहियों को खाद्यान्न मिल पाना संभव नहीं हो पाएगा। शिकायत के बाद जो भी जांच करने जाता है वह कहीं ना कहीं खाद्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को बचाने के चक्कर में मूल समस्या व पीडीएस की हकीकत बिल्कुल भी अपने जांच सीट में नहीं लिखता है। केवल पीडीएस संचालकों पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। जितनी बार भी भौतिक सत्यापन कराया गया है हर बार दुकानों में खाद्यान्न की कमी मिली है। जहां दुकानदारों को नोटिस दे दिया जाता है, लेकिन भ्रष्टाचार व वास्तविकता के जड़ तक कोई भी जांच अधिकारी जाने के लिए तैयार नहीं है। विगत कई सालों से उक्त खाद्य निरीक्षक पाली ब्लॉक में प्रमाणित भ्रष्टाचार व घूसखोरी कर रहा है और करवा रहा है। ऐसा नहीं है कि खाद्य विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी उसके इस कारगुजारी को नहीं जानते हैं, उसके बावजूद उसे अभय दान देते चले जा रहे हैं। उक्त खाद्य निरीक्षक सुरेंद्र कुमार लांझी का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि घूसखोरी का पैसा खुद के बैंक अकाउंट में ले रहा है। जिनके विगत कई सालों से एक ही जगह पर जमे रहना भी भ्रष्टाचारी हौसले को बढ़ावा देता है। खाद्य निरीक्षक अभी तक लाखो लाख रुपए घुस के रूप में पीडीएस दुकान संचालकों से ले रखा है तो कई का तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी हुआ है। उक्त खाद्य निरीक्षक के खाते की जांच यदि निष्पक्ष रूप से करवाई जाये तो कई पीडीएस दुकान संचालकों से ऑनलाइन बैंक अकाउंट में घूस का पैसा लिया गया साबित हो जाएगा। पीडीएस दुकान के शिकायत के बाद उक्त खाद्य निरीक्षक दुकानदार से अधिकारी आपके दुकान में नहीं आएंगे जांच के लिए कहते हुए भी मोटी रकम घुस के रूप में लेता है। उक्त खाद्य निरीक्षक खुले बाजार से खाद्यान्न की खरीदी करवा कर पीडीएस दुकान दारो से हितग्राहियों को भी कई बार वितरण करवाया है, जोकि फूड कंट्रोल ऑर्डर का उल्लंघन है। पाली ब्लॉक के कई पीडीएस दुकान संचालक इस तरह भयभीत है कि आत्महत्या जैसे कठोर कदम भी उठाने की सोच रहे हैं। यदि समय रहते पीडीएस दुकान संचालकों की समस्या दूर नहीं की गई और भ्रष्टाचारी, घूसखोर खाद्य निरीक्षक पर कार्यवाही नहीं की गई तो कभी भी कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है। यदि ऐसी कोई घटना घटती है तो उसकी सारी जवाबदारी खाद्य विभाग कोरबा की व जांच शीट में वास्तविक स्थिति को ना दर्शाने वाले अधिकारियों की होगी। क्योंकि खाद्य विभाग को पूरी स्थिति मालूम होने के बाद भी दुकानों में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न नहीं भेज रहा है। दूसरे पूर्व दुकान संचालकों के द्वारा किए गए खाद्यान्न की अफरा- तफरी की भरपाई वर्तमान दुकानदार से करवाने के चक्कर में यह सारी भयावह स्थिति निर्मित हुई है। कई वर्तमान दुकान संचालकों को कई माह से कमीशन की राशि भी नहीं मिल रही है। बारदाना आदि की भी राशि अभी तक आप्राप्त है। अतः महोदय से निवेदन है, कि तीन दिवस के अंदर उक्त खाद्य निरीक्षक और पीडीएस दुकानों की जांच कर उचित कार्यवाही करें और कार्यवाही से मुझे भी अवगत कराएं, अन्यथा इसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन कोरबा में की जाएगी। मेरे द्वारा यह शिकायत पाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत शिवपुर में संचालित गणेश महिला स्वा सहायता समूह (4029) एवं कुछ अन्य पीडीएस दुकान संचालकों के द्वारा दिए गए बयान एवं साक्ष्य के आधार पर किया जा रहा है। कुछ दिन पहले शिवपुर ग्राम पंचायत में संचालित गणेश महिला स्वास्थ्य सहायता समूह की दुकान की जांच की गई और उसे निलंबन करने की प्रक्रिया चालू की गई उक्त कार्यवाही में पूर्ण रूप से न तो पारदर्शिता बरती गई और ना ही निष्पक्ष पूर्ण कार्यवाही होने की संभावना है। क्योंकि उक्त ग्राम पंचायत में पहले भी दो बार उचित मूल्य दुकान पर कार्यवाही हो चुकी है, लेकिन खाद्य निरीक्षक की लापरवाही, व भ्रष्टाचार का नतीजा है कि तीसरी बार भी कार्यवाही करनी पड़ी, लेकिन कार्यवाही में समस्या व भ्रष्टाचार के जड़ तक जाकर जांच नहीं की गई केवल खाद्य निरीक्षक व अन्य कई लोगों को बचाने के चक्कर में गलत कार्यवाही कर दी गई जिसे समूह की महिलाओं ने बताया भी और दिख भी रहा हैं। गणेश महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने घुस के रूप में नगद सहित ऑनलाइन पेमेंट भी खाद्य निरीक्षक सुरेंद्र कुमार लांझी के बैंक अकाउंट में किया है। इस आवेदन के साथ घूसखोरी और भ्रष्टाचार को प्रमाणित करने वाले कुछ दस्तावेज संलग्न किए जा रहे हैं व कई सारे ऑडियो वीडियो एवं दस्तावेज मेरे पास उपलब्ध है। जिसे आपको दिखाया एवं सुनाया जा चुका है, आवश्यकता पड़ने पर जांच अधिकारी के द्वारा मांग करने पर मेरे द्वारा दस्तावेज एवं अन्य साक्ष्य प्रस्तुत कर दिए जाएंगे, जो की भ्रष्टाचार, घूसखोरी और पीडीएस सिस्टम में विस्फोटक स्थिति होने का पूरा प्रमाण देते हैं। गणेश महिला स्वा. सहायता समूह के द्वारा संचालित दुकान का फिर से सत्यापन व जांच कराई जाए और समस्या के जड़ तक जाकर निष्पक्ष व पारदर्शी रूप से कार्यवाही करने की कृपा की जाए क्योंकि उक्त समूह की महिलाएं पूरी तरह से भयभीत व डरी सहमी हुई है और इस दोषपूर्ण कार्यवाही होने के कारण आत्महत्या कर लेने तक की बात कह रही हैं।