छत्तीसगढ़बिलासपुर

पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने लगाया आरोप सरकार की गलत नीति के कारण शिक्षा का भविष्य खतरे में

सुरेश सिंह वैस/बिलासपुर। पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने हाल ही में बीजेपी सरकार की बजट नीतियों को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत वित्तीय योजनाओं के चलते प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलीटेक्निक संस्थानों में वर्षों से कार्यरत अंशकालीन शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। इस फैसले का असर न केवल शिक्षकों की आजीविका पर पड़ा है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव छात्रों की शिक्षा पर भी पड़ रहा है। शिक्षक समुदाय और छात्र-छात्राएँ, दोनों इस अनिश्चितता की स्थिति में फंस गए हैं।शैलेश पांडेय ने चेतावनी दी कि अगर शिक्षकों की छंटनी जारी रही, तो राज्य की शिक्षा प्रणाली में गिरावट आएगी, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार बच्चों की पढ़ाई का बोझ उठाने में सक्षम नहीं है, तो फिर ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है?बीजेपी सरकार के शासनकाल में शिक्षा के क्षेत्र में उपेक्षा की तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। शैलेश पांडेय ने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा कभी नहीं रही है, और इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्कूलों और कॉलेजों का बंद होना है। अंशकालीन शिक्षकों की रोज़गार में कटौती शिक्षा के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता का स्पष्ट उदाहरण है। इससे न केवल छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, बल्कि प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों की भारी कमी भी पैदा हो रही है।

छात्र-छात्राओं पर प्रभाव

शैलेश पांडेय ने यह भी कहा कि सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को पहले से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों की कमी के चलते छात्र सही मार्गदर्शन से वंचित हो रहे हैं, जिससे उनकी शिक्षा में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर फिजूलखर्ची पर लगाम लगाती और शिक्षा पर ध्यान देती, तो ऐसी स्थिति नहीं बनती।

Related Articles

Back to top button