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पोड़ी उपरोड़ा : शातिर सचिव जयसिंह मेश्राम ने अमलीकुंडा में रहने के दौरान किया लाखों का भ्रष्ट्राचार, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिलामंत्री ने की निष्पक्ष जांच की मांग

पूर्व में जांच के नाम पर जनपद अधिकारियों ने खानापूर्ति कर सचिव को दी क्लीन चिट.


कमल महंत/कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:-* जिले के जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत अमलीकुंडा में तात्कालीन रहने के दौरान शातिर सचिव जयसिंह मेश्राम ने सरपंच को झांसे में लेकर ग्रामीण जनता के बुनियादी सुविधाओं व विकास कार्यों के लिए शासन से जारी मूलभूत, 14वें एवं 15वें वित्त मद की राशि का फर्जी बिल के जरिये लाखों के भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया गया। जिन भ्रष्ट्राचार को पूर्व में खबर के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था और तब पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत के अधिकारियों ने जांच की बात कही थी तथा जांच भी कराया गया लेकिन कार्यवाही का आज पर्यन्त पता नही चल पाया कि आखिर भ्रष्ट्राचार की जांच उपरांत आगे की क्या कार्यवाही की गई? मामले में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिलामंत्री ने पोड़ी जनपद सीईओ को सचिव जयसिंह के विरुद्ध शिकायत पत्र प्रेषित कर जांच व इससे संबंधित कार्यवाही दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की है।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिलामंत्री विजय (बादल) दुबे द्वारा पोड़ी उपरोड़ा जनपद सीईओ को प्रेषित 6 बिंदु के शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि सचिव जयसिंह मेश्राम द्वारा तात्कालीन अमलीकुंडा पंचायत में रहने के दौरान मूलभूत, 14वें, 15वें वित्त के तहत प्राप्त राशि मे जमकर भ्रष्ट्राचार किया गया है। वर्ष 2020 में कोविड- 19 महामारी संक्रमण काल में कोरेण्टाइन सेंटर के लिए खाद्य सामाग्री खरीदी पर 1.50 लाख, रसोइया भुगतान के लिए 46,400, राष्ट्रीय पर्व में 10 हजार के मिठाई वितरण, 20 हजार के मास्क सेनिटाइजर खरीदी, राशन सामाग्री खरीदी 30 हजार, वेक्सिनेशन कार्य हेतु वाहन किराया पर 53,650 हजार व्यय बताया गया है। पेयजल व्यवस्था के नाम पर सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स स्थापना एवं रनिंग वाटर कार्य के लिए 18 लाख 63 हजार 45 रुपए, हेण्डपम्प मरम्मत के लिए 1 लाख 68 हजार 600 रुपए, कुंआ मरम्मत के नाम पर 59,721 रुपए, उप स्वास्थ्य केंद्र मरम्मत के लिए 47,400 रुपए निकाली गई है। सचिव द्वारा एक ही वेंडर को नाली, सड़क, पुलिया निर्माण सामाग्री से लेकर मरम्मत कार्य, लेखन सामाग्री, किराना सामान, मिठाई आदि प्रकार के क्रय किया गया है, जो छ.ग. पंचायत सेवा आचरण अधिनियम 1999 के प्रावधानों के विरुद्ध आचरण व कार्य है तथा यह कृत्य भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कार्यवाही योग्य है। अनावेदक सचिव ने छ.ग. पंचायत सेवा आचरण अनुशासन नियम 1999 का उलंघन किया जो कदाचार की श्रेणी में आता है। अतः शिकायत पत्र को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए सचिव जयसिंह मेश्राम तात्कालीन अमलीकुंडा पंचायत के कार्यकाल की जांच सक्षम अधिकारी से कराया जाकर किये गए कार्यवाही, अनुशंसा, अभिमत, लिखी गई नोटशीट व समस्त दस्तावेजों का पालन प्रतिवेदन सहित प्रदान करें। बता दें कि शातिर सचिव जयसिंह द्वारा अमलीकुंडा पंचायत में रहने के दौरान किये गए मनमाने भ्रष्ट्राचार को पूर्व में खबर के माध्यम से प्रसारित कर जनपद अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया। जहां संबंधित अधिकारियों ने खबर पर संज्ञान लिया और महीनों पहले जांच भी कराया, किन्तु मामले में किसी भी प्रकार के आगे की कार्यवाही देखने- सुनने को नही मिली। कहीं न कहीं सुनियोजित तरीके से जांच के नाम पर खानापूर्ति कर भ्रष्ट्र सचिव को क्लीन चिट दिया गया। वहीं उक्त शिकायती मामले को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिलामंत्री विजय दुबे का कहना है कि जनपद सीईओ को शिकायत पत्र प्रेषित कर उचित जांच व कार्यवाही की मांग की गई है। यदि जांच व कार्यवाही को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बरती जाती है तो पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर व शासन स्तर पर की जाएगी। बहरहाल आगे यह देखना है कि पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत कार्यालय के अधिकारी भ्रष्ट्र एवं शातिर सचिव के विरुद्ध प्राप्त शिकायत पर निष्पक्ष कार्यवाही करते है अथवा पूर्व की भांति जांच के नाम पर अभयदान देते है।

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