कमल महंत/कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:-ब्लाक मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा में संचालित कृषि कार्यालय तक मुख्यमार्ग से प्रवेश देने वाला 700 मीटर का कच्चा रास्ता इन दिनों कीचड़ से सना हुआ है। हालात यह है कि इस कार्यालय में आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। पैदल चलना जहां मुश्किल हो रहा है, वहीं हर दिन चारपहिया वाहन भी फंस रहे है। मांग के बाद भी इस ओर अधिकारी, जनप्रतिनिधि, नेता किसी ने अबतक ध्यान नही दिया। दूसरी ओर इस कार्यालय के आसपास रिक्त पड़े शासकीय भूमि पर भी तेजी से अतिक्रमण हो रहा है। जिस ओर राजस्व अधिकारियों का भी ध्यान नही है।
कृषि कार्यालय शासन से संचालित एक ऐसा शासकीय संस्थान है, जहां जनप्रतिनिधि, नेताओं का अक्सर आनाजाना लगा रहता है, क्योंकि वे खुद एक किसान है। इसके अलावा कृषि संबंधित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु ब्लाक, जिले स्तरीय अधिकारियों का भी आवाजाही इस विभाग में लगा होता है। लेकिन इसके बाद भी 700 मीटर का कीचड़ से सराबोर रास्ता किसी के ध्यान में न जाना दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है। अधिकारी, जनप्रतिनिधि, नेताओं का कृषि कार्यालय तक पहुँचना इसी रास्ते से होता है पर किसी ने इस 700 मीटर कच्चे रास्ते के पक्कीकरण में अपनी सक्रियता नही दिखाई। इस स्थिति में गंदा पानी मार्ग पर बहता हुआ नजर आता है। इससे कीचड़ के हालात निर्मित हो गए है। बारिश के समय मे तो पूरा का पूरा रास्ता कीचड़ में डूब जाता है, तब कार्यालय के अधिकारी- कर्मचारियों और खाद, बीज व कृषि उपकरण के लिए यहां आने वाले ग्रामीण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसी तरह बाइक तो चल जाता है किंतु चारपहिया वाहन कीचड़ में फंस जा रहे हैं। जिस समस्या को लेकर स्थानीय अधिकारी- कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमार्ग से कृषि कार्यालय तक 700 मीटर के मुख्य रास्ते का कांक्रीटीकरण निर्माण कार्य के लिए अनेको बार ग्राम सरपंच, जनपद अधिकारी, जनप्रतिनिधियों व नेताओं को आवेदन/निवेदन किया गया लेकिन पक्का सडक़ बनवाने में किसी ने रुचि नहीं ली। जिसके कारण मार्ग की हालत बद्तर है। जिस कीचड़ भरे रास्ते से होकर वे तथा ब्लाक क्षेत्र के लोग कार्यालय तक पहुँचते है।
शर्म आनी चाहिए जनप्रतिनिधियों व नेताओं को
कहने को तो पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र में अनेकों सत्तासीन व विपक्ष के नेता है, जो समय- समय पर अपनी उपस्थिति दर्शाते रहते है। वहीं जनप्रतिनिधि भी अन्य कार्यों में अपनी सक्रियता दिखाते है, जिन्हें शर्म आनी चाहिए कि किसान हित मे संचालित कृषि कार्यालय के 700 मीटर मार्ग का कायापलट नही करा पा रहे, जबकि इन जनप्रतिनिधि व नेताओ का खुद यहां आनाजाना लगा होता है। बावजूद इसके पक्के सड़क का निर्माण न होना इनके निष्क्रियता को दर्शित करता है। इसके अलावा पंचायत द्वारा भी ग्राम विकास पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च किये जाते है, जगह- जगह सीसी रोड का निर्माण कराया जाता है, परंतु कृषि कार्यालय जाने रास्ता में पक्का सड़क निर्माण कार्य की दिशा में सार्थक पहल नही की जा रही है। इससे प्रदर्शित हो रहा है कि पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के शिकायत, सुझाव व विकास को लेकर यहां के अधिकारी, जनप्रतिनिधि व नेता कितने गंभीर है।
शासकीय भूमि में अतिक्रमण कर निर्माण
कृषि कार्यालय से लगे शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर मकान निर्माण का काम तेजी से हो रहा है। जिस ओर भी राजस्व अधिकारियों का ध्यान नही है। जबकि जिस भूमि पर ग्रामीणों द्वारा कब्जा कर अवैध निर्माण कराया जा रहा है, उससे तकरीबन 150 से 200 मीटर की दूरी पर तहसील कार्यालय व एसडीएम कार्यालय संचालित है, बावजूद इसके शासकीय भूमि पर अतिक्रमण रोकने किसी प्रकार के प्रयास अबतक नही किये गए है। जिससे बेजा कब्जाधारियों के हौसले बुलंद है और वे बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान निर्माण को बिना किसी भय के अंजाम दे रहे है। ऐसे में काफी बाद जब उक्त जमीन से कब्जा हटाने की बात आएगी तब संबंधित अधिकारियों के लिए यह सिरदर्द बनकर रह जाएगा।