फूड पॉइजनिंग:रात 2 बजे दूल्हा-दुल्हन समेत 31 बीमार हुए, सुबह अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद बाकी रस्में कराई गईं
ब्लॉक के ग्राम खड़ौदा खुर्द (रबेली) में गुरुवार रात शादी की दावत खाने के बाद दूल्हा-दुल्हन समेत 31 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। सभी को उल्टी व पेट दर्द हो रहा था। निजी वाहन से दूल्हा- दुल्हन समेत 20 लोगों को रात में ही जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में बेड कम पड़े, तो डॉक्टर्स की टीम ने गांव जाकर शेष बीमार लोगों का इलाज किया। खड़ौदा खुर्द (रबेली) में गुरुवार रात साहू परिवार में शादी समारोह था। फेरे पूरा होने के बाद सभी ने शादी की दावत में खाना खाया। रात करीब 1 बजे चुके थे। दुल्हन की विदाई को लेकर तैयारी चल रही थी।
तभी घराती और मेहमानों की तबीयत बिगड़ने लगी। सभी को उल्टी व पेट दर्द होना शुरू हुई। रात करीब 2 बजे नवविवाहित जोड़े की भी तबीयत बिगड़ी, तो करीब 20 लोगों को निजी वाहन से जिला अस्पताल कवर्धा पहुंचाया गया। जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. राकेश कुमार प्रेमी ने बताया कि सभी फूड पॉइजनिंग के कारण बीमार हुए।
चाउमीन और मसाला डोसा के कारण फूड पॉइजनिंग
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. राकेश कुमार प्रेमी ने बताया कि फूड पॉइजनिंग के कारण दूल्हा- दुल्हन समेत घराती व मेहमानों की तबीयत बिगड़ी थी। मरीजों से पूछने पर बताया कि शादी समारोह में उन्होंने भोजन के अलावा चाऊमीन और डोसा खाया था। आशंका है कि उसी के कारण सभी बीमार हुए। इलाज के बाद सभी मरीज ठीक हो गए हैं और उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।
रेपिड रिस्पांस टीम रात में ही गांव पहुंची, शुरू किया इलाज
फूड पॉइजनिंग की शिकायत पर बोड़ला, पिपरिया और रबेली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेपिड रिस्पांस टीम रात में ही गांव पहुंची। शादी घर में बीमार लोगों का इलाज शुरू किया। इस दौरान गांव में फूड पॉइजनिंग के 11 मरीज मिले। स्थानीय पंचायत भवन में स्वास्थ्य कैंप लगाया गया। पेट दर्द व उल्टी के मरीजों काे कैंप में भर्ती कर ड्रिप चढ़ाए और उनका पूरी रात इलाज चलता रहा।
सभी मरीजों में एक ही तरह के लक्षण, इसलिए बनाया ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल
रात करीब 2.30 बजे दुल्हन समेत 20 मरीजों को जिला अस्पताल लाया गया। इनमें बच्चे, महिलाएं भी शामिल थे। सभी को उल्टी व पेट दर्द था। आपातकालीन ड्यूटी में डॉ. गरिमा साहू व डॉ. वनीत कौर थे। एक साथ अधिक संख्या में मरीजों के आने की सूचना आरएमओ डॉ. राकेश कुमार को दी गई। आरएमओ ने त्वरित हॉस्पिटल पहुंच कर स्थिति को अपने नियंत्रण में लिया।
चूंकि सभी मरीजों को एक ही तरह के लक्षण थे। सभी के इलाज में एक ही तरह की दवाएं उपयोग होना था। इसलिए उन्होंने एक ट्रीटमेंट प्रोटोकाल बनाया। डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ की मीटिंग ली। ट्रांजिट हॉस्टल में रह रहे डॉ. अनुष्का मिश्रा, नर्सिंग ऑफिसर विवेक खाखा को कॉल कर बुलाया। इलाज शुरू किए और करीब 30 मिनट में सभी मरीजों को आराम मिलना शुरू हो गया।