छत्तीसगढ़

महादेव सट्टा ऐप…शेयर में निवेश होती थी ‘ब्लैक मनी’:अलग-अलग कंपनियों के पास कुल 1190 करोड़ का पोर्टफोलियो; बाजार भी होता था प्रभावित

महादेव सट्टा एप में ED की जांच जारी है। इस बीच ED ने अपनी प्रेस रिलीज में बड़ा खुलासा किया। ED के मुताबिक, सट्टा एप की आय को शेयर में निवेश कर वैध बनाया जा रहा था। इसमें 29 फरवरी तक भारतीय और विदेशी कंपनियों का कुल स्टॉक पोर्टफोलियो करीब 1190 करोड़ रुपए पाया गया है।

ED के मुताबिक, सूरज चोखानी और गिरीश तलरेजा ने हिरासत में पूछताछ के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया है। ED महादेव और उसकी सहयोगी बैटिंग कंपनियों की जांच कर रही है। इसमें इन दोनों आरोपियों के अलावा 9 और आरोपियों को पकड़ा गया है।

हरि शंकर टिबरेवाल।
हरि शंकर टिबरेवाल।

महादेव ऑनलाइन एप है व्यापक सिंडिकेट

ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद, विशाखापत्तनम पुलिस और अन्य राज्यों द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को भी रिकॉर्ड पर लिया गया। मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग एप एक व्यापक सिंडिकेट है। इसके अंदर कई अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट आते हैं। जिसमें नए उपयोगकर्ताओं को रजिस्टर कर ID बनाने की व्यवस्था की जाती है।

इसके अलावा बेनामी बैंक खातों के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में भी सक्षम बनाने के लिए महादेव एप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है। ईडी की जांच से पता चला कि गिरीश तलरेजा की “लोटस365” के संचालन में हिस्सेदारी है। “लोटस365” महादेव ऑनलाइन बुक की ही सहयोगी कंपनी है।

सूरज चोखानी
सूरज चोखानी

आय को वैध बनाने में तलरेजा की भूमिका
गिरीश तलरेजा लोटस 365 के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर के साथ भागीदार है। गिरीश तलरेजा को लोटस 365 की आय को वैध बनाने में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पाया गया। पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत 1 मार्च को कोलकाता, हरियाणा, दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र और गोवा में कई स्थानों पर जांच की गई। इस जांच में पुणे, महाराष्ट्र से संचालित होने वाली लोटस 365 की शाखाएं भी शामिल थीं।

जांच में पता चला कि इस शाखा द्वारा प्रति महीने 50 करोड़ का सट्टा कैश संभाला जा रहा था। गिरीश तलरेजा को इस शाखा के “कैश हैंडलिंग व्हाट्सएप ग्रुप” के सदस्यों में से भी एक पाया गया। तलाशी के बाद 1 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे।

गिरीश तलरेजा।

Related Articles

Back to top button