व्यापारियों ने किया थाने का घेराव
सरेश सिंह बैस/बिलासपुर। धार्मिक नगरी रतनपुर में एक बार फिर से बदमाशों का आतंक फैलने लगा है। धार्मिक नगरी होने की वजह से यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, तो वही हाईवे से भारी वाहन भी गुजरते हैं। बदमाशों द्वारा इन्हीं लोगों के साथ लगातार लूटपाट की जा रही है। इक्का दुक्का मामले में आरोपियों के पकड़े जाने के अलावा खास कार्यवाही न होने से बदमाशों के हौसले बुलंद है । इन दिनों रतनपुर में माघी पूर्णिमा एवं आदिवासी विकास मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में दूर-दूर से व्यापारी और झूले वाले पहुंचे हैं। स्थानीय बदमाश उनसे रंगदारी वसूल रहे हैं। इनसे अवैध रूप से पैसों की मांग की जा रही है और पैसे ना देने पर इनके साथ मारपीट करते हुए उनके सामान के साथ तोड़फोड़ की जा रही है। मेला शुरू हुए अभी दो दिन भी नहीं हुए और व्यापारी बदमाशो से तंग आ चुके हैं। ये व्यापारी बड़ी संख्या में रतनपुर थाने पहुंचकर कार्यवाही की मांग की। मेला में व्यापार करने वाले लोगों ने बताया कि 10 से 12 युवक मेले में घुसकर लूटपाट और मारपीट कर रहे हैं। वे इस कदर बेखौफ हो चुके हैं कि दुकानदारों का गल्ला उठा कर ले जाते हैं। मेलाभाटा रतनपुर में 26 फरवरी रात करीब 10 से 11 बजे 10 से 12 युवक टोली में मेले में घुस आए जिन्होंने गंदी गंदी गाली गलौज करते हुए दुकानदारों से मारपीट और लूटपाट शुरू कर दिया। इन लोगों ने विरोध करने पर झूलों को भी तोड़ दिया और साथ ही परदे पर ब्लेड चलाकर उसे फाड़ दिया। मना करने पर इन लोगों ने जान से मारने की भी धमकी दी। इस हमले में सरोज साहू को काफी चोट आई है। इसकी शिकायत दुकानदारों ने की है।
दिलचस्प बात यह है कि मेला आरंभ होने से पहले ही आयोजन समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। उस वक्त डिप्टी कलेक्टर ने आदेश दिया था कि आसपास के सभी बदमाशों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें जेल भेजा जाए, ताकि मेला बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस आदेश के बावजूद रतनपुर पुलिस ने ऐसी कोई कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा, जिसका असर दिखने लगा है। लोग तो पुलिस पर अपराधियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगा रहे हैं। रतनपुर के मेले में जिस तरह से बदमाश घुसकर लूटपाट और मारपीट कर रहे हैं, अगर यही चलता रहा तो आने वाले सालों में इस मेले में कोई भी व्यापारी नहीं पहुंचेगा और मेले का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा, इसलिए पुलिस को चाहिए कि तत्काल मामले की गंभीरता को समझें और सीसीटीवी और अन्य माध्यम से तुरंत आरोपियों की गिरफ्तारी हो और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ताकि और भी बदमाश इस तरह की हिमाकत करने की हिम्मत ना जुटा सके।