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सेवा का महाकुंभ: मेगा हेल्थ कैंप–2025 में रचा गया इतिहास

5 दिनों में 65,000 से अधिक मरीजों व नागरिकों को मिला निःशुल्क लाभ; राजेश मूणत के नेतृत्व में सफल हुआ महाअभियान

राज्यपाल रमेन डेका, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस और राजेश मूणत ने सराहा सेवा भाव

मूणत की ने अगले साल फिर आयोजन की घोषणा

रायपुर। 22 दिसंबर 2025/ राजधानी रायपुर स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय परिसर में आयोजित पांच दिवसीय मेगा हेल्थ कैंप–2025 का सोमवार को भव्य समापन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर विधायक एवं आयोजन के सूत्रधार राजेश मूणत, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका तथा महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। समारोह में कैंप में सेवाएं देने वाले डॉक्टरों और समाजसेवी संस्थाओं का राज्यपाल द्वारा सम्मान भी किया गया।

राज्यपाल डेका ने दी मूणत को बधाई, आयोजन को सराहा

समापन समारोह में अपने उद्बोधन के दौरान राज्यपाल रमेन डेका ने अपने कई अनुभव साझा किए। उन्होंने स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़े हर विचार की सराहना की। उन्होंने मंच से कहा कि इस भव्य हेल्थ कैंप में शामिल होकर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। यह कैंप सामाजिक उत्सव की मिसाल है। इस मेगा हेल्थ कैंप के लिए विधायक राजेश मूणत को विशेष रूप से बधाई और धन्यवाद देता हूं। सभी डॉक्टरों और कैंप में सेवा देने वालों को बधाई और धन्यवाद देता हूं। उन्होंने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस शिविर में देश के कई विशेषज्ञ डॉक्टरों ने निःशुल्क सेवाएं दीं। इस तरह के कैंप से लोग जागरूक होते हैं। अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य पहुंचे, यही अटल जी का सपना था।

मूणत जी कि जितनी तारीफ की जाए कम है: रमेश बैस

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि वे हर साल इस कैंप में आते रहे हैं और लोगों को इंतजार रहता था कि राजेश मूणत कब मेगा हेल्थ कैंप लगाएंगे। गरीबों को इलाज के लिए परेशानी होती है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की वजह से लोगों को मदद मिल रही है। हजारों लोगों ने यहां आकर जांच कराई। राजेश मूणत को जितनी बधाई दी जाए, कम है, क्योंकि वे जिस काम को करते हैं उसमें पूरा जी-जान लगा देते हैं। रायपुर के बाहर से भी मरीज आए और इलाज कराकर गए। मानव सेवा ही सही सेवा है। डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। यह कार्यक्रम भगवान की दया से हो रहा है। गरीबों की सेवा करना भगवान की पूजा करना है। जो इलाज कराकर गए हैं, वे इस मेगा हेल्थ कैंप को कभी नहीं भूलेंगे।

मूणत की घोषणा: अगले साल इसी तारीख पर फिर से मेगा हेल्थ कैंप आयोजित होगा

समारोह को संबोधित करते हुए राजेश मूणत ने कहा कि इस महाअभियान को शहर की सामाजिक संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिला। ऐसे वरिष्ठ चिकित्सक, जो सामान्यतः घरों से बाहर नहीं निकलते थे, वे भी इस कैंप में सेवाएं देने पहुंचे। उन्होंने बताया कि ढाई हजार लोगों से शुरू हुआ यह अभियान आज रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है। मूणत ने कहा कि पांच दिनों में 65,000 से अधिक मरीजों और नागरिकों को निःशुल्क परामर्श, जांच, उपचार, दवाइयों और दिव्यांग सहायता का लाभ मिला, जो अपने आप में ऐतिहासिक है। कई मरीजों ने सीधे आकर भी जांच कराई। जरूरतमंद मरीजों को स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध कराए गए और परीक्षण के बाद सभी को 5 दिन की मुफ्त दवाइयां दी गईं। उन्होंने कहा कि सब लोगों ने दिल खोलकर काम किया है और मिलकर इतिहास रचा है। जो छोटा पौधा लगाया था, वह आज धीरे-धीरे बड़ा वृक्ष बनता जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि अगले साल इसी तारीख पर फिर से मेगा हेल्थ कैंप आयोजित होगा।

आयोजन का हिस्सा रहे तमाम संगठनों, अस्पतालों और वॉलेंटियर्स ने एक साझा बयान में कहा कि 18 से 22 दिसंबर 2025 तक आयोजित इस शिविर का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया था। रायपुर पश्चिम के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत के नेतृत्व में आयोजित इस महाअभियान में प्रदेशवासियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं और देशभर के सुपरस्पेशलिस्ट चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दीं।

मेगा हेल्थ कैंप ने इलाज के साथ सम्मानजनक भोजन की मिसाल भी पेश की। ‘स्वस्थ शरीर और तृप्त मन’ के संकल्प के साथ मांगीलाल जैन एवं उनकी टीम के प्रबंधन में प्रतिदिन 12,000 से अधिक लोगों के लिए उच्च स्तरीय एवं स्वच्छ भोजन की व्यवस्था की गई साथ ही साथ 5 दिनों तक निशुल्क फल वितरण सेवा भावी संघ द्वारा किया गया। पूरे आयोजन में जीरो वेस्ट और स्वच्छता के मानकों का पालन किया गया और भारी भीड़ के बावजूद कहीं कोई अव्यवस्था नहीं दिखी।

45 से अधिक अस्पताल, 700 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों ने दिन-रात एक किया

शिविर की सफलता में देश और प्रदेश के ख्यातिप्राप्त 45 से अधिक अस्पतालों का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिनके विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने हजारों मरीजों का नि:शुल्क परामर्श और उपचार किया।

मेगा हेल्थ कैंप को मानवीय दृष्टिकोण से और प्रभावी बनाने में विनय मित्र मंडल की पूरी टीम की भूमिका सराहनीय रही।
इतने बड़े आयोजन को सफल और सुव्यवस्थित बनाने में रायपुर जिला प्रशासन एवं विभिन्न शासकीय विभागों का तालमेल अत्यंत सराहनीय रहा। पुलिस प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, समाज कल्याण विभाग और लोक निर्माण विभाग के सहयोग से कैंप पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित रूप में संचालित हुआ।

शिविर की सफलता में चिकित्सकीय और नर्सिंग टीमों का विशेष योगदान रहा। विभिन्न मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों से आए 700 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों ने दिन-रात मरीजों की सेवा की और ‘नर सेवा ही नारायण सेवा’ के भाव को साकार किया।

यह भी जानना जरूरी है कि इस मेगा हेल्थ कैंप की अभूतपूर्व सफलता के पीछे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की निष्काम सेवा भी अहम रही। पंजीकरण, दवा वितरण, मरीजों को डॉक्टरों तक पहुंचाने, पार्किंग, पेयजल और भोजन व्यवस्था तक उन्होंने दिन-रात अथक परिश्रम कर सेवा ही संगठन के मंत्र को जमीन पर उतारा।

पांच दिनों तक चले इस महाअभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि जब सरकार, समाज, प्रशासन और सेवा संगठनों का समन्वय होता है, तो जनकल्याण के ऐसे अनुकरणीय उदाहरण स्थापित होते हैं। मेगा हेल्थ कैंप–2025 प्रदेश के इतिहास में सेवा और संवेदना के एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।

देश-प्रदेश के अग्रणी अस्पतालों की सक्रिय भागीदारी

मेगा हेल्थ कैंप–2025 की सफलता में देश और प्रदेश के ख्यातिप्राप्त अस्पतालों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने हजारों मरीजों का नि:शुल्क परामर्श और उपचार कर मानव सेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

सहयोगी अस्पतालों में प्रमुख रूप से रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, सर्व ट्रामा हॉस्पिटल, वी वाय हॉस्पिटल, बालाजी हॉस्पिटल, सुयश हॉस्पिटल, एसएमसी हार्ट इंस्टिट्यूट एवं आईवीएफ रिसर्च सेंटर, नारायण हॉस्पिटल, गंगा डायग्नोस्टिक सेंटर, बालको हॉस्पिटल, एम्स रायपुर, एएमजी हॉस्पिटल, कालडा बर्न एवं प्लास्टिक हॉस्पिटल, गणेश विनायक आई हॉस्पिटल, श्रीराम हॉस्पिटल, रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, उद्यांचल मल्टी स्पेशलिस्ट नेत्र चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, बॉर्नियो हॉस्पिटल, ग्लोबल स्टार हॉस्पिटल, गुडविल हॉस्पिटल, समर्पण हॉस्पिटल, उर्मिला हॉस्पिटल, मखीजा इनफर्टिलिटी सेंटर (बिलासपुर), गायत्री हॉस्पिटल, अग्रवाल हॉस्पिटल जी रोड रायपुर, मेडिकेयर हॉस्पिटल, शिवांता हॉस्पिटल, जगन्नाथ हॉस्पिटल, एनएच एमएमआई हॉस्पिटल, रिम्स हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज, एमजीएम हॉस्पिटल, आरोग्य हॉस्पिटल, आयुष इनफर्टिलिटी हॉस्पिटल, ओम हॉस्पिटल, श्री अमृतम हॉस्पिटल, मेडिसिन हॉस्पिटल, शाश्वत हॉस्पिटल, कृष्णा हॉस्पिटल, संजीवनी हॉस्पिटल, छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर, नवकार हॉस्पिटल, रूपजीवन हॉस्पिटल एवं संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल शामिल रहे।

इन सभी संस्थानों ने अपने संसाधनों और विशेषज्ञ सेवाओं के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और मेगा हेल्थ कैंप को ऐतिहासिक सफलता दिलाई।

 

सम्मानित किए गए सेवाभावी लोग

आज महामहिम राज्यपाल जी के द्वारा एम्स से डॉक्टर नितिन कश्यप जी, बालाजी हॉस्पिटल से डॉक्टर कुलदीप सिंह छाबड़ा जी, रावतपुरा अस्पताल से स्वराज गौतम, रिम्स से डॉक्टर गंभीर सिंह, उद्यांचल हॉस्पिटल से राजेंद्र बाफनाजी, विनय मित्र मंडल से महावीर मालू, बोर्नियो हॉस्पिटल से अनिल पारख, पार्क हॉस्पिटल से डॉक्टर बरनवाल, मेडिसाइन हॉस्पिटल से डॉक्टर सुनील शर्मा, सर्वतरामा से डॉक्टर सुरेंद्र शुक्ला, आदर्श नर्सिंग इंस्टीट्यूट से पूजा साहू, सांदीपनि नर्सिंग इंस्टीट्यूट से स्वर्ण मल्लिका सी, प्राचार्य आयुर्वैदिक कॉलेज प्रवीण जोशी, प्राचार्य होम्योपैथिक कॉलेज डॉक्टर पिपली, समाज कल्याण से उप संचालक डॉक्टर अरविंद गेड़ाम, पुलिस प्रशासन से दौलत राम पोर्टे, रासे स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर मिथिलेश चौधरी, नगर निगम रायपुर से विनोद पांडे, लोक निर्माण विभाग से श्रीमती सोनम शर्मा, भोजन व्यवस्था से मांगीलाल बरडिया एवं शिखर जैन को सम्मानित किया गया।

प्रमुख आंकड़े: 5 दिन में कुल परामर्श और जांचें – 65,266

पांच दिवसीय शिविर के दौरान विभिन्न विभागों में उपचार और जांच का आंकड़ा इस प्रकार रहा: शुगर जांच में सर्वाधिक 19,037 और बीपी जांच में 10,300 मरीजों का परीक्षण किया गया। नेत्र रोग विभाग में 4,266, दंत रोग में 2,440, हड्डी रोग में 1,025, और शिशु रोग विभाग में 548 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। एम्स ओपीडी में 1,220, मेडिसिन विभाग में 876, चर्म रोग में 798, नाक-कान-गला (ENT) में 780, पेट रोग में 513 और हृदय रोग विभाग में 210 मरीजों ने परामर्श लिया। सुपर स्पेशलिटी ओपीडी में 480, न्यूरोलॉजी में 305, यूरोलॉजी में 280, श्वसन व दमा रोग में 255, सर्जरी में 209 और कैंसर स्क्रीनिंग में 84 मरीजों की जांच की गई।

वैकल्पिक चिकित्सा में आयुर्वेदिक उपचार का 5,351, होम्योपैथी का 3,455, एक्यूप्रेशर का 2,275, फिजियोथैरेपी का 1,350 और एक्यूपंक्चर का 303 मरीजों ने लाभ उठाया। जांच सेवाओं के अंतर्गत 7,801 ब्लड सैंपल लिए गए, 1,265 सोनोग्राफी, 887 एक्स-रे, 358 ईसीजी (ECG) और 35 ईको (ECHO) टेस्ट किए गए। इनके अतिरिक्त 60 यूनिट रक्तदान, 140 आयुष्मान कार्ड निर्माण के साथ-साथ दिव्यांग सहायता के तहत 186 जयपुर फुट, 70 कृत्रिम अंग, 205 श्रवण यंत्र और 257 बैसाखी, व्हीलचेयर व ट्राइसाइकिल का वितरण कर कुल 65,000 से अधिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं।

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