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“हाईवे पर खुला ‘पक्षी क़त्लखाना’ – सिमगा से पहले सोमनाथ बोर्ड बना जिंदा परिंदों का तड़पगाह, अफसर बने तमाशबीन”

रायपुर-बिलासपुर हाइवे = सिमगा से आठ किलोमीटर पहले सोमनाथ बोर्ड के पास रोज़ाना सड़क किनारे अवैध ‘पक्षी मंडी’ सज रही है। तोता, बटेर और कबूतर को पैरों में रस्सी बाँधकर उल्टा लटकाकर खुलेआम बेचा जा रहा है। राहगीरों के लिए यह नज़ारा जहां विचलित करने वाला है, वहीं कानून की धज्जियां उड़ाने वाला भी।

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39 और 51, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और आईपीसी की धारा 429 के तहत यह सीधा अपराध है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या यह सब उनकी मिलीभगत से हो रहा है?

 इस पूरे मामले पर विश्व हिंदू परिषद रायपुर जिला पदाधिकारी सूरज सोनी ने कड़े शब्दों में कहा –

“यह खुली तस्करी नहीं, यह जीव-जंतुओं की हत्या है। कानून का मखौल उड़ाकर पक्षियों को जिंदा लटकाया जा रहा है और प्रशासन खामोश है। अगर अधिकारी तुरंत कार्रवाई नहीं करेंगे तो विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल सड़क पर उतरकर इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए आंदोलन करेगा।”

स्थानीय लोग भी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि “पक्षी रोज़ तड़पकर मर जाते हैं और अधिकारी सिर्फ तमाशबीन बने रहते हैं।” जनता अब पूछ रही है कि आखिर कब तक हाईवे पर खुलेआम ‘पक्षियों का कब्रिस्तान’ सजता रहेगा और कब प्रशासन सख्त कदम उठाएगा।

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