सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। नगर के रिहायशी क्षेत्रों से सत्तर नाले, नालियों से अरपा नदी में पहुंचने वाले गंदे पानी की सफाई के लिए नगर निगम ने 285 करोड़ का प्लान प्रस्तुत किया है। ज्ञातव्य हो कि अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन की मांग करते हुए लगाई गई जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई जिसमें हाईकोर्ट ने बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही कलेक्टर को आगामी 24 जून को होने वाली अगली सुनवाई में फाइनल रिपोर्ट पेश करने कहा है। इस रिपोर्ट में यह बताना होगा कि आखिर अरपा के उद्गम स्थल से नगर तक नदी के संरक्षण, संवर्धन के लिए क्या कार्य होंगे।
285 करोड़ के प्लान
नगर निगम के कार्यपालन अभियंता सुरेश बरुआ ने बताया कि निगम एरिया यानी कोनी से दोमुंहानी तक अरपा में पहुंचने वाले सभी नालों के पानी की सफाई के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाई जाएगी।इसमें मुख्यत चिल्हाटी और दोमुंहानी स्थित एसटीपी की क्षमता क्रमशः 17 एमएलडी से बढ़ाकर 40 और 54 से बढ़ाकर 90 एमएलडी करने का टारगेट है। नालों के पानी को नदी में पहुंचने के पहले ही रोक कर एनजीटी के मापदंड के मुताबिक स्वच्छ कर नदी में छोड़ा जाएगा।निगम के ईई की मानें तो नालों के पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्वच्छ करने के बाद एनटीपीसी को बेचा जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले ही रियूज वॉटर के इस्तेमाल के आदेश दे रखे हैं। रियूज वॉटर की सप्लाई के लिए नगर निगम और एनटीपीसी सीपत के बीच एमओयू होना है, जो 2021 से पेंडिंग है।
याद करेंगी पीढ़ियां
24 अप्रैल को हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस अग्रवाल की बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा गया कि सरकार अरपा में सालभर पानी रखने की योजना के साथ प्रदेश की नौ प्रमुख नदियों के रिवाइवल की योजना पर काम कर रही है। राज्य सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि यह पुनीत काम है, इसके लिए पीढ़ियां याद रखेंगी।
फंडिंग के लिए केंद्र को भेजेंगे प्रस्ताव
नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार का कहना है कि अरपा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए जो डीपीआर तैयार किया गया है, उसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र सरकार रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम के अंतर्गत इस तरह के कार्यों के लिए फंडिंग करती है। प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र को भेजा जाएगा।
6 विभागों ने प्लान सौंपा
हाईकोर्ट के समक्ष नगर निगम सहित छह विभागों ने अरपा रिवाइवल प्लान पेश किया। जल संसाधन विभाग की ओर से ईई सतीश सराफ ने एनीकट योजनाओं का प्रस्ताव पेश किया। कोर्ट ने आईआईटी भिलाई की एक्सपर्ट टीम को अगली सुनवाई में तलब किया है ताकि प्रस्तुत किए गए प्लान की वायबिलिटी की जांच की जा सके।