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“1.12 करोड़ की साइबर लूट का सरगना चढ़ा हत्थे! सारंगढ़ पुलिस की ‘डिजिटल दबिश’ से हड़कंप!”

36 राज्यों में फैले फ्रॉड जाल का खुलासा, डिजिटल स्टूडियो की आड़ में चलता था साइबर ठगी का कारोबार

सारंगढ़-बिलाईगढ़।“ऑनलाइन ठगी करोगे, तो कानून तुम्हारे घर आएगा!” — इसी कहावत को सच कर दिखाया है सारंगढ़ पुलिस ने। पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, अति. पुलिस अधीक्षक निमिषा पांडेय और एसडीओपी स्नेहिल साहू के निर्देशन में सिटी कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक कामिल हक की टीम ने साइबर ठगी के जाल में उलझे 1.12 करोड़ के डिजिटल घोटाले को बेनकाब कर तीन शातिर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

पुलिस को समन्वय पोर्टल और डायल 1930 पर मिली 36 शिकायतों से बड़ा सुराग मिला, जो एक ही बैंक खाते की ओर इशारा कर रही थीं — खाता नंबर 1016169667036, जो कोसीर निवासी अमित कुमार के नाम पर था।

जैसे-जैसे पुलिस ने जांच की परतें खोलीं, वैसे-वैसे खुलासों की आग तेज होती गई। अमित कुमार, जो बाहर से डिजिटल स्टूडियो संचालक था, अंदर ही अंदर साइबर क्राइम का इनवेस्टमेंट बैंकर निकला। आरोपी के खाते में जमा राशि देख पुलिस भी चौंक गई — पूरे 1 करोड़ 12 लाख 52 हजार 510 रुपये 20 पैसे की संदिग्ध रकम!

जांच में यह भी सामने आया कि यह खाता अलग-अलग राज्यों में फैले साइबर अपराधियों द्वारा ठगी की रकम को इकट्ठा करने और खपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

साइबर घोटाले की इस डिजिटल गाथा में अमित अकेला नहीं था। उसके साथ दो और किरदार थे —

  • अशोक कुमार खांडे (36), नवागांव, मालखरौदा
  • कोमल प्रसाद पटेल (26), ग्राम टेमर, सक्ति

तीनों को 29 मई 2025 को पुलिस ने दबोच लिया और कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया।

इस कार्रवाई की रीढ़ बने निरीक्षक कामिल हक व उनकी टीम — सउनि अरविंद सिंह, प्र.आर. सोनसाय यादव, आरक्षक ओमचंद साहू, अमित खुटे, भुनेश्वर चंद्रा, योगेश कुर्रे, सुरेंद्र पटेल व अन्य कर्मियों ने मिलकर साइबर माफिया के नेटवर्क में करारा झटका दिया।

सारंगढ़ पुलिस की यह बड़ी कार्यवाही न केवल ठगों के लिए चेतावनी है, बल्कि जनता के लिए यह संदेश भी — साइबर ठग चाहे जितना चालाक हो, कानून की पकड़ से बचना नामुमकिन है!

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