छत्तीसगढ़

‘5 साल CM से मिलना मुश्किल था,आज हमारी याद आई’:राजनांदगांव में भूपेश के सामने फूटा कार्यकर्ता का गुस्सा; बैज बोले-नहीं हुआ निष्कासन

‘मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि 5 साल हमारी सरकार रही। एक कार्यकर्ता यहां उठकर कह दें कि 5 साल में उनका एक भी काम हुआ हो। हमारे दुख-तकलीफ, बहू-बेटा के ट्रांसफर में कोई साथ नहीं दिया, सिर्फ प्रताड़ित किया गया’। सोमवार को राजनांदगांव में आयोजित कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में ये बात एक पार्टी कार्यकर्ता ने ही कही।

मंच पर लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद थे। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दाऊ ने पिछली कांग्रेस सरकार को खूब-खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा- ‘5 साल तक हमारी सरकार रही और तब सबसे ज्यादा हम ही प्रताड़ित रहे। मुख्यमंत्री से मिलना तक मुश्किल था। तब कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं थी। आज कार्यकर्ताओं की याद आई है’

इस वाकये के बाद जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष भागवत साहू ने कहा कि कार्यकर्ता को अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किया जा रहा है। हालांकि, इसे लेकर सोमवार देर रात PCC चीफ दीपक बैज ने खंडन कर दिया। उन्होंने निष्कासन की कार्रवाई को अफवाह बताया है।

मंच पर जब सुरेंद्र ने भूपेश बघेल के सामने खरी-खोटी सुना रहे थे, तो कार्यकर्ता भी उनका समर्थन करते नजर आए।
मंच पर जब सुरेंद्र ने भूपेश बघेल के सामने खरी-खोटी सुना रहे थे, तो कार्यकर्ता भी उनका समर्थन करते नजर आए।

माइक संभालते ही फूटा गुस्सा

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण की ओर से कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दाऊ मंच पर आए और माइक संभालते ही उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि, पंच, सरपंच की दरी उठाने की ही जिम्मेदारी है क्या? अगर भिलाई-दुर्ग में पंचायत के चुनाव होंगे, तो हम वहां भी काम करने के लिए तैयार हैं।

कार्यकर्ताओं को बुलाया नहीं, बंद कमरे में हुआ चिंतन-मनन

उन्होंने कहा कि, 5 साल बहुत से हमारे नेताओं ने कहा कि कार्यकर्ताओं को लेकर चिंतन-मनन किया। क्या इसमें हम कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। इन लोगों ने बंद कमरे में बैठकर चिंतन-मनन किया। हम इस बात को डंके की चोट पर कहते हैं कि किसानों को भाजपा की सरकार 3100 रुपए धान के दे पा रही है, वो भूपेश बघेल की देन है।

सुरेंद्र दाऊ ने कहा कि, मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि 5 साल हमारी सरकार रही। एक कार्यकर्ता यहां उठकर कह दें कि 5 साल में उनका एक भी काम हुआ हो। हमारे दुख-तकलीफ, बहू-बेटा का ट्रांसफर में कोई साथ नहीं दिया, सिर्फ प्रताड़ित किया गया।

मंत्री केदार कश्यप ने भास्कर डिजिटल की खबर को X पर शेयर कर लिखा- 30 टका के लिए 100 टका सही बात।

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