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बिलासपुर के सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” को “राष्ट्रीय कविता लेखन प्रति” में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए निराला “काव्य रत्न”सम्मान से किया गया सम्मानित

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित साहित्यकार सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” को “विचारक्रांति” के नेतृत्व में नमो फाउंडेशन सिंगरौली द्वारा हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” के समृति में राष्ट्रीय स्तर पर “आदर्श युवा की पहचान” / “समाज में मेरा योगदान” विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए निराला “काव्य रत्न” सम्मान से सम्मानित किया गया। “विचारक्रांति” के नेतृत्व में आयोजित किए गए इस प्रतियोगिता में देश भर से सैकड़ों प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं, जिनमें से श्रेष्ठ कविता के चयन के आधार पर साहित्यकार को निराला “काव्य रत्न” सम्मान के लिए चयनित किया गया है। इस अवसर पर नमो फाउंडेशन सिंगरौली द्वारा हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले साहित्यकारों को “कविता लेखन प्रतियोगिता” के माध्यम से सम्मानित किया गया है,जिसमें सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के आधार पर सम्मान के लिए चयनित किया गया है। श्री बैस साहित्य के साथ साथ समाजसेवक के रूप में भी कार्य करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन हुआ समाजसेवी संगठन हितार्थ एक सेवा सक्रिय योगदान देते हैं, ये साहित्य व समाजसेवा के क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से कार्यरत हैं, इनकी अधिकतर रचनाएं राष्ट्रप्रेम व अच्छे समाज के निर्माण के लिए समर्पित रहती हैं।
“कविता लेखन प्रतियोगिता” के संयोजक राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति” ने कहा कि – इनकी कविता में शब्दों का जादू, जीवन का अद्भुत अनुभव,समाज में परिवर्तन करने वाला व सभी के लिए प्रेरक है, जो पाठकों को कुछ नया सोचने में मजबूर कर नई दिशा प्रदान करेगा”।उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में नवोदित साहियकारों के साथ कई वरिष्ठ व अंतर्राष्ट्रीय पहचान वाले साहित्यकार जुड़े। इस सम्मान में सुरेश सिंह बैस शाश्वत को चयनित होने पर नमो फाउंडेशन सिंगरौली के जिला मंत्री व प्रतियोगिता संयोजक राजकुमार जायसवाल “विचारक्रांति” ने हार्दिक बधाई देते हुए उज्जवल साहित्यिक भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी है।

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