छत्तीसगढ़बलौदाबाजार

संगीत, सम्मान और संदेशों की त्रिवेणी बनी ‘रफी नाइट’,जनसेवक,पत्रकारों और पर्यावरण योद्धाओं का हुआ सम्मान

बलौदाबाजार, 31 जुलाई 2025, नगर भवन बलौदाबाजार में बुधवार शाम सुरों की ऐसी बयार बही कि मोहम्मद रफी के नगमों में डूबे सैकड़ों श्रोतागणों
से खचाखच भरे सभागार में गीतों की गूंज और तालियों की झंकार देर शाम तक गूंजती रही। रफी साहब की 44वीं पुण्यतिथि पर आयोजित “एक शाम रफी के नाम” कार्यक्रम में न सिर्फ गीत–संगीत की रंगीन प्रस्तुतियां हुईं, बल्कि समाज सेवा से जुड़े अनेक व्यक्तित्वों को मंच से सम्मानित भी किया गया,कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री टंकाराम वर्मा मौजूद रहे,जिन्होंने रफी के गीत “हुस्न पहाड़ों का…” और छत्तीसगढ़ी गीत “डहर के जवेया…” गाकर माहौल में चार चांद लगा दिए। नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, वहीं कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी भावना गुप्ता और डीएफओ गणवीर धम्मशील विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
जनसेवक,पत्रकारों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का हुआ सम्मान कार्यक्रम में पत्रकारों,महिला स्व-सहायता समूहों, 85% से अधिक अंक लाने वाले छात्र–छात्राओं, वरिष्ठ नागरिकों एवं राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच के पदाधिकारियों का श्रीफल,अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर सार्वजनिक सम्मान किया गया।

विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण, जन-जागरूकता और पौधरोपण जैसे अभियानों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले पर्यावरण योद्धाओं को सराहा गया। मंच से राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं वरिष्ठ पत्रकार एच. डी.महंत,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक रामदयाल दयाल उइके,राष्ट्रीय महामंत्री डोमार सिंह साहू,राष्ट्रीय सचिव प्रकाश शर्मा,युवा मोर्चा अध्यक्ष डॉ. टेमन जनबन्धु, बलौदा बाजार जिला अध्यक्ष नरेश गुप्ता सभी के वक्तव्य एवं गौरव सम्मान से नवाजा गया,15 वर्षों से अनवरत चल रही परंपरा कार्यक्रम आयोजक के.के. वर्मा व संरक्षक रामाधार पटेल ने बताया कि यह आयोजन लगातार 15वें वर्ष सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि “रफी नाइट” केवल संगीत नहीं, एक सामाजिक आंदोलन है, जो “पेड़ लगाओ – पुण्य कमाओ” जैसे संदेशों को भी जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम में यश ग्रुप भिलाई के राजा बाबू, कोलकाता की प्रियंका दत्ता, लता जी व पुनीत जी ने रफी साहब के सदाबहार गीतों से सभी को भावविभोर कर दिया।

मिशन न्यू इंडिया 2047 को समर्पित एक संगीतमय पहल यह आयोजन राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच एवं मिशन न्यू इंडिया 2047 के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा रहा, जिसमें सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत को एक साथ जोड़ने का संदेश स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।

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