सारंगढ़ बिलाईगढ़

संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी व्रत, खमरछठ पर्व पर महिलाओं ने किया वरुण देवता की पूजा

भटगांव।जयसवाल मोहल्ला हांथी चौक पे खमर छठ का पर्व आज 5 सितंबर को बड़े ही धार्मिक माहौल में उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस पर्व पर माताएं संतान की लंबी आयु ,उसके सुखमय जीवन के लिए व्रत रखती हैं। वही पूजा करने के स्थान पर सागरी खोदकर भगवान वरुण देव की पूजन करती हैं। पर्व की पूर्व संध्या में बाजारों में पूजन सामग्री खरीदने के लिए जबरदस्त भीड़ भाड़ दिखाई दिया ।इस पर्व में मुख्य रूप से उपयोग किए जाने वाले पसहर चावल 50 और 60 रुपए पाव बिक रहा था।

इस अवसर पर भटगांव के पंडित सोनू दुबे जी ने बताया की हलषष्ठी पर्व पर माताएं पूजा करने के स्थान पर सागरी खोदकर भगवान शंकर व गौरी गणेश को पसहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, बेल पत्ती, कांशी खमार ,बांती भंवरा सहित अन्य सामग्री अर्पित करती हैं। ध्यान रहे जितने भी सामग्री रहती है उनमें जैसे चावल या भाजी में हल नहीं चला जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पूजन पश्चात घर पर बिना हल के जुते हुए अनाज पसहर चावल और 6 प्रकार की भाजी को प्रसाद रूप में ग्रहण कर माताएं उपवास तोड़ती हैं। पूजन के लिए सूर्योदय से सूर्यास्त तक का समय उचित रहता है ।इस दौरान माताएं तालाब की पूजा कर उसके जल में कपड़े भिगोकर संतान की कुशलता की कामना कर पोता लगाती हैं। मान्यता है कि इससे संतान को अच्छे स्वास्थ्य के साथ लंबी उम्र का भी आशीष मिलता है। मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का आज ही के दिन जन्म हुआ था। उनकी माता ने सबसे पहले इस व्रत को किया था। बलराम जी के साथ ही हल की भी पूजा होती है। इस वजह से बिना हल चले अन्न का व्रत पूजन उपयोग में किया जाता है । हल की पूजा होने की वजह से ही इस व्रत को हलषष्ठी पर्व कहा जाता है ।शहर में इस परंपरा का वर्षों से पालन कर महिलाएं पूजन करती आ रही हैं। एवं ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उत्सव व धार्मिक माहौल के साथ इस पर्व को मनाया जाता है।

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