जिला अस्पताल सारंगढ़ में हुआ शिशु वार्ड का शुभारंभ : अब नहीं होगा गंभीर बच्चों को बाहर रिफर
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 16 अक्टूबर 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का सिलसिला निरंतर जारी है। ग्रामीण व अंचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने के इसी अभियान के तहत सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ी है।
जिला अस्पताल सारंगढ़-बिलाईगढ़ में अब 12 बेड वाले अत्याधुनिक शिशु वार्ड का शुभारंभ सत्ताधारी दल के जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल, वरिष्ठ सदस्य दुर्गा सिंह ठाकुर, जिला पंचायत स्वास्थ्य विभाग सभापति सुशीला साहू, पंचायत सभापति भगवतीन कुंज राम पटेल, सतीश शर्मा, प्रकाश अग्रवाल, रविशंकर यादव आदि की उपस्थिति में किया गया। इस सुविधा के शुरू होने से अब जिले के नवजात से लेकर 12 वर्ष तक के बच्चों को गंभीर बीमारियों की स्थिति में बाहर रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नवनिर्मित वार्ड को बच्चों के अनुकूल वातावरण और आधुनिक उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित किया गया है। इसमें ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, नेब्युलाइज़र, फोटोजोनिक थैरेपी यूनिट, इन्फेंट वॉर्मर और वेंटिलेशन सपोर्ट सिस्टम जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। बच्चों की देखरेख के लिए डॉ. भारती पटेल को शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया है, जो अपनी अनुभवी टीम के साथ 24 घंटे उपचार सेवाएँ प्रदान करेंगी। सभी अतिथियों ने अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की इस पहल को जनसेवा का बड़ा कदम बताया।
कलेक्टर संजय कन्नौजे और सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल ने वार्ड का निरीक्षण करते हुए कहा कि यह कदम जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में नया अध्याय जोड़ेगा। उन्होंने बताया कि अब बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर व नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
अस्पताल प्रबंधन की अपील
अस्पताल प्रशासन ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। यदि बच्चे को बुखार, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी-दस्त, वजन घटने या अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जिला अस्पताल सारंगढ़-बिलाईगढ़ पहुँचें। यहाँ विशेषज्ञ चिकित्सक, आधुनिक उपकरण और नि:शुल्क उपचार सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों ने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की इस पहल को “राहत की सौगात” बताते हुए सराहा। अस्पताल में उपस्थित लोगों ने कहा कि अब सारंगढ़-बिलाईगढ़ के बच्चों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, यही इस पहल की सबसे बड़ी सफलता है।