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धर्मांतरण, लव जिहाद और नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार आवश्यक — हिन्दुराष्ट्र अधिवेशन में उठी आवाज

रायपुर/छत्तीसगढ़ /पू. शदाणी दरबार तीर्थ, रायपुर में आयोजित राज्यस्तरीय हिन्दुराष्ट्र अधिवेशन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून लाने जा रही है। उन्होंने नक्सलवाद की समाप्ति और धर्मांतरण जैसी चुनौतियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का भरोसा दिलाया,अधिवेशन का आयोजन हिन्दू जनजागृति समिति और पू. शदाणी दरबार तीर्थ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। मंच पर पू. युधिष्ठिरलाल महाराज, पाटेश्वर धाम के संस्थापक राम बालकदास महाराज, महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ संगठक सुनील घनवट और स्व. सावरकर के प्रपौत्र रणजीत सावरकर समेत अनेक संत-महंत एवं हिंदुत्वनिष्ठ उपस्थित रहे।

सुनील घनवट ने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में भले ही जंगलों में नक्सलवाद घट रहा हो, पर शहरी नक्सलवाद और धर्मांतरण की घातक साजिशें अभी भी ज़ोर पकड़ रही हैं। उनका कहना था कि धर्मांतरण और नक्सलवाद की जड़ें एक ही हैं — और जब तक धर्मांतरण पर प्रभावी रोक नहीं लगती, समस्या बनी रहेगी। उन्होंने ‘लव जिहाद’, ‘हलाल जिहाद’ और गोहत्या जैसी चुनौतियों को भी उजागर किया और भारत को संविधानिक रूप से हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग दोहराई।इस अवसर पर रणजीत सावरकर का सम्मान किया गया। उन्हें सनातन संस्था के पू. अशोक पात्रीकर द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट की गई। उन्होंने महाराष्ट्र में हलाल सर्टिफिकेट के विकल्प के रूप में शुरू किए गए ‘ॐ सर्टिफिकेट’ अभियान की चर्चा की और इसे छत्तीसगढ़ में भी लागू करने का सुझाव दिया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंच से अपने संबोधन में कहा कि धर्मांतरण की भीषण समस्या पर राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जल्द ही कड़ा कानून लाकर उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। साथ ही उन्होंने नक्सलवाद की समाप्ति के लिए “समयबद्ध कार्ययोजना” की बात भी कही।

परिसंवाद का आयोजन:अधिवेशन के दौरान ‘छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी कानून की आवश्यकता’ विषय पर परिसंवाद हुआ। इसमें पत्रकार योगेश मिश्र, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक सुशिल द्विवेदी, अधिवक्ता आशीष शर्मा और कमल बिस्वाल ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने धर्मनिष्ठ हिंदुओं के सवालों का समाधान करते हुए कानून लागू होने तक लगातार सक्रिय रहने की अपील की।
पारित प्रस्ताव:1. छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी कानून तत्काल लागू हो।
2. अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाए।
3. गोरक्षकों पर दर्ज झूठे मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं और उन्हें सुरक्षा दी जाए।
4. हिंदू मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त कर भक्तों को सौंपा जाए।
अधिवेशन में धर्मशिक्षा, राष्ट्ररक्षा, आयुर्वेद और अध्यात्म पर आधारित फलक प्रदर्शनी एवं ग्रंथ प्रदर्शन भी आयोजित की गई।
प्रतिनिधियों ने सप्ताह में एक दिन सामूहिक धर्मरक्षा हेतु एकत्र होने और साप्ताहिक धर्मशिक्षा वर्ग में भाग लेने का संकल्प लिया,250 से अधिक हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता, संत-महंत, अधिवक्ता, पत्रकार, व्यापारी और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह अधिवेशन पूर्ण गरिमा और संकल्प के साथ संपन्न हुआ।

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