30 कंपनियों ने छापेमारी के बाद मोटा चुनावी चंदा दिया
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी अपलोड होने के बाद लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 30 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने छापेमारी के ठीक बाद राजनीतिक दलों को मोटा चुनावी चंदा दिया। कई और कंपनियों ने अपने नेट प्रॉफिट की तुलना में कई गुना ज्यादा चुनावी चंदा दिया।
कोलकाता की कंपनी मदनलाल लिमिटेड ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले दो बार में 182.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे, जबकि इस दौरान उसका नेट प्रॉफिट महज 1.81 करोड़ रुपए था। 2020-21 में भी यह 2.72 करोड़ रुपए ही रहा। 2022-23 में महज 44 लाख था।
यही नहीं, सबसे ज्यादा चंदा देने वाली 30 कंपनियों में से 14 ऐसी हैं, जिन पर केंद्रीय या राज्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई है। DLF कॉमर्शियल ने 30 करोड़ का चंदा दिया। भूमि आवंटन में अनियमितताओं पर जनवरी 2019 में CBI ने कंपनी पर छापा मारा था।