छत्तीसगढ़

भ्रष्ट और लापरवाह सिस्टम के कारण धान नहीं बेच पाया किसान, कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार

. सरकार ने इस वर्ष 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी करने का वादा किया है, जिससे किसान काफी खुश हैं, मगर सक्ती जिले के किसान उमाशंकर पटेल अपना धान नहीं बेच पाए. इसे लेकर वो काफी दुखी हैं. उन्होंने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है.

दर

जीवन यापन को लेकर सता रही चिंता

असल उमाशंकर के दुख का कारण सरकार का लापरवाह और भ्रष्ट सिस्टम है. किसान उमाशंकर ने बताया कि इस वर्ष कंप्यूटर ऑपरेटर की गलती से गलत खाता नंबर पंजीयन कर दिया गया है. इसके कारण वो धान नहीं बेच पा रहा है. वहीं इस गलती को सुधारने के लिए वो लगातार विभाग के चक्कर भी काट रहा है. उनको रिश्वत की भेंट भी दे चुका है, मगर अभी तक उसकी समस्या का समाधान किसान उमाशंकर को अपने जीवन यापन को लेकर भी चिंता सताने लगी है कि अगर धान नहीं बिका तो उसका घर का खर्चा कैसे चलेगा. जो बाजार में उधारी है वो कैसे चुकाएगा. किसान उमाशंकर पटेल ने कलेक्टर से ग्राम सेवक और ऑपरेटर की लिखित में शिकायत भी की है. उमाशंकर ने अपने शिकायत में लिखा है कि वो ग्राम आमापाली तह. जैजैपुर जिला सक्ती का निवासी है, जिसका पंजीयन झालरौंदा आमापाली सोसायटी में किसान कोड TF6908102313978 से पंजीकृत है. किसान पंजीयन के आधार / बैंक विवरण संशोधन फार्म में धान खरीदी केन्द्र के कम्प्युटर आपरेटर के लापरवाही के कारण कुछ त्रुटि हो गया है. इसे सुधरवाने के लिए ग्राम सेवक के पास बार-बार जा रहा है और उसके द्वारा आज बनाउंगा कल बनाउंगा कहकर घुमाया जा रहा है. 500 रुपए भी ले लिया है पंरतु फिर भी नहीं बना रहा है.नहीं हुआ है. थक हारकर किसान उमाशंकर पटेल ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है.

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