छत्तीसगढ़

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सरगुजा जिले एवं अंबिकापुर शहर की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं

अंबिकापुर, सरगुजा : पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सरगुजा जिले एवं अंबिकापुर शहर की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में स्पष्ट लिखा कि दशहरा जैसे बड़े पर्व पर भी शहर में सुरक्षा व्यवस्था लचर दिखाई दी।

 

उन्होंने कहा कि “कल अंबिकापुर शहर के अलग-अलग स्थानों पर जिस तरह से चाकूबाजी एवं अन्य आपराधिक घटनाएं हुईं, उससे साफ झलकता है कि पर्व के अवसर पर सुरक्षा प्रबंधन कैसा था। चोपड़ापारा कालीमंदिर के पास दिनदहाड़े हुई हत्या और महामाया मंदिर के समीप चाकूबाजी की घटना प्रशासन की विफलता का प्रमाण है।”

 

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि परंपरागत रूप से दशहरा जैसे अवसर पर प्रमुख चौक-चौराहों एवं भीड़भाड़ वाले स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाती रही है, किंतु इस बार की घटनाओं ने जिले की लॉ एंड ऑर्डर पर गहरा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

 

उन्होंने स्पष्ट किया कि “ऐसी घटनाएं स्वस्थ समाज के लिए घातक हैं। राज्य सरकार को चाहिए कि केवल पर्व-त्योहारों पर ही नहीं, बल्कि प्रतिदिन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त और चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित करे। अपराध रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी है और इसके लिए जवाबदेही तय होना आवश्यक है।”

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