
यह कार्रवाई डभरा बीएमओ कार्यालय के बाबू उमेश कुमार चंद्रा की शिकायत पर की गई। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसके यात्रा भत्ता बिल की राशि ₹81,000 का भुगतान हो चुका है, लेकिन बीएमओ ने इसके एवज में ₹32,500 की रिश्वत मांगी थी। इसमें से ₹16,500 पहले ही दिए जा चुके थे, जबकि शेष ₹16,000 की और मांग की जा रही थी। परेशान होकर बाबू ने एसीबी से शिकायत की।
एसीबी की प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद ट्रैप की योजना तैयार की गई और आज जब शिकायतकर्ता ने ₹15,000 की रिश्वती रकम बीएमओ को सौंपी, तभी एसीबी की टीम ने राजेंद्र कुमार पटेल को उसके कार्यालय में ही रंगे हाथों पकड़ लिया।
कार्रवाई के दौरान रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है और आरोपी बीएमओ के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसीबी ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा।
जानकारी के अनुसार, एसीबी बिलासपुर इकाई ने पिछले डेढ़ साल में 35 ट्रैप कार्रवाई सफलतापूर्वक की हैं, जिनमें कई अधिकारी और कर्मचारी पकड़े जा चुके हैं।