
डॉ. प्रकाश गुप्ता द्वारा शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा दिलाने के नाम पर 11 लाख रुपये की ठगी की शिकायत थाना आमानाका में दर्ज कराई गई थी। इस पर थाना आमानाका में अपराध क्रमांक 433/24 धारा 420, 34, 467, 468, 471 भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई थी।
पूर्व में इस प्रकरण में आरोपी पवन सिंह, गगनदीप शर्मा, राजवीर सिंह और संदीप रात्रा को गिरफ्तार किया गया था। विवेचना को आगे बढ़ाते हुए तकनीकी विश्लेषण और सूचना संकलन के आधार पर दिल्ली में तीन अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी गई। पुलिस टीम ने मुख्य सरगना सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से प्रकरण से संबंधित दस्तावेज, फर्जी आधार कार्ड, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर, मोबाइल फोन एवं साइबर अपराध से अर्जित संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे फर्जी कंपनियों के नाम से बैंक खाते खोलकर फॉरेक्स ट्रेडिंग के बहाने विदेशों में रकम ट्रांसफर करते थे और बाद में उसे वापस प्राप्त कर लेते थे। अपराध से अर्जित रकम से मकान एवं फ्लैट खरीदे गए हैं, जिनकी जानकारी जुटाकर संपत्ति अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने साइबर अपराध के बढ़ते नेटवर्क पर करारा प्रहार किया है और आम नागरिकों में भरोसा बहाल किया है।